जिला प्रशासन के अल्टीमेटम को क्षेत्राधिकार से बाहर बताया
आवाज डेली
हजारीबाग। एनएच 33 पर अवस्थित कोनार नदी पुल पर बने मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमितों की लाश जलाये जाने के विरोध करने पर जिला प्रशासन की ओर से मिले अल्टीमेटम से मेयर रौशनी तिर्की गुस्से में हैं । नाराजगी ऐसी कि सदर एसडीओ मेघा भारद्वाज को टारगेट में लेने के साथ- साथ डीसी भुवनेश प्रताप सिंह पर भी सवाल उठा दिये हैं।
इस बाबत उन्होंने उन्हें जो पत्र पत्रांक 95 दिनांक 30 जुलाई भेजा है, उसमें मेयर ने डीसी से जवाब- तलब करते हुए तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है। पत्र में कहा है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 25(2) के तहत स्थानीय निर्वाचित चेयरपर्सन होने के नाते वे भी डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी में सह अध्यक्ष हैं पर एक भी बैठक में नहीं बुलाया जाना गंभीर विषय है।
आरोप लगाया डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 25(2) (बी.) के तहत सह अध्यक्ष हूं, फिर भी आप लोकल ऑथरिटी चेयपर्सन पद को लेकर दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रहें हैं। कहा गया कि आपके द्वारा डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 25 का (2) में दिये गए प्रावधानों का उंघन किया जा रहा है। क्योंकि स्थानीय प्राधिकार का अर्थ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 2(एच) में नगर निगम परिभाषित है।
कहा गया कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत डिस्टिक ऑथिरिटी की बैठक में लिये गए निर्णय के बाद आप धारा 26 का 1 और 2 के तहत किसी प्रकार का आदेश पारित करने का प्रावधान पर ऐसा नहीं कर एक्ट का उल्लंघन हो रहा है। यह नियम विरूद्ध कार्य है, जिसपर तीन दिनों के भीतर जानकारी दें, अन्यथा वे पूरे मामले को उनके खिलाफ उच्च न्यायालय ले जाएंगी।
वहीं सदा एसडीओ द्वारा उनसे जो जवाब- तलब किया गया है, उसे क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर उन्हें दिया गया अल्टीमेटम बता दिया है, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई है। कहा कि कोविड 19 महामारी से निबटने के लिये आपदा प्रबंधन समिति के तहत कार्य और फैसले सदस्यों की सहमति से लिये जाते हैं पर सह अध्यक्ष होने के नाते उन्हें इससे दूर रखा गया और जब विरोध हुआ तो उन्हें मेयर होने के नाते उनका पक्ष रखने का अधिकार है।