जब ऑपरेशन होना था तो जिंदगी ने नहीं दी साथ
दस सालों से अनुबंध पर था एनआरएचएम में कार्यरत, नहीं मिली कोई मदद
आवाज डेली टीम
हज़ारीबाग । मौत से जंग में आखिरकार हार गया हज़ारीबाग का लैब टेक्नीशियन रंजीत कुमार । आखरी वक्त पर जिंदगी उस वक्त उसे दगा दे गयी, जब उसे ऑपरेशन टेबल पर ले जाया गया ।
शनिवार 25 जुलाई को उसकी मौत वहां हो गयी । बताया जा रहा है कि जब एम्स में जब उसे एडमिट नहीं लिया गया तो उसे सीएमसी वैलोर परिजन और मित्र और उसे जानने वाले मदद देकर वहां भर्ती करा दिया था । जबकि 20 दिनों तक रंजीत सांसद और राज्य सरकार से मदद की गुहार के बाद निराश था । क्योंकि कोरोना काल में उसने अपने जान की परवाह नहीं कर रात- दिन अपनी सेवायें अस्पताल में दी थी, पर अनुबंध पर उसे बताकर सभी ने उससे पल्ला झाड़ लिया था ।
गौरतलब है कि कोरोना के जंग में सेवा देने के दौरान बेहोश होकर गिरने के बाद उसे ब्रेन ट्यूमर होने की जानकारी हुई थी । शिवपुरी निवासी के परिवार में एक बूढ़ी मा, पत्नी और एक छोटी बच्ची है ।