डीजे की जगह मांदर, ढोल और झाल के साथ महुआ और माड़ी का लगा तड़का
हर साल अखाड़े में करम की डाल के साथ हर गांव में डीजे की शोर में स्त्री- पुरुष थिरकते थे, पर रविवार को कहीं किसी अखाड़े में डीजे नहीं मंगायी गयी ।
आवाज टीम
हज़ारीबाग । कोरोना के खतरे से करमा के अपने पुराने स्वरूप में लौटने में मदद की है । हर साल अखाड़े में करम की डाल के साथ हर गांव में डीजे की शोर में स्त्री- पुरुष थिरकते थे, पर रविवार को कहीं किसी अखाड़े में डीजे नहीं मंगायी गयी ।
बल्कि गांव में परंपरागत रूप से इस्तेमाल होनेवाली मांदर, ढोल और झाल के साथ सरहुल पर लोग थिरके और ठंडा पेय या देशी- विदेशी शराब की जगह बीच- बीच में महुआ और माड़ी का तड़का लगाया । यह कार्यक्रम करम डाल के रविवार शाम विसर्जन तक चलता रहेगा ।