आवाज टीम
हजारीबाग। शहर में नगर निगम जितना टैक्स वसूली में मुस्तैद है, उतना लोगों की परेशानियों को खुद से संज्ञान लेकर उसका हल करने में उसकी गंभीरता नहीं है। तभी कई गली- मुहल्लों में समस्याएं खड़ी है।
निपटारा उन इलाकों का हो पा रहा है जहां या तो वहां के लोग मुखर हैं या फिर जहां के लोग पहुंच रखते हैं या फिर जहां का मामला उछलने पर छीछालेदर होने लग जाती है।
अब शहर के सबसे व्यस्त सड़क लेपो रोड का हाल कोई देख ले तो नगर निगम को सौ गालियां देते निकलेगा। कई जिलों से लोग इसी से होकर हजारीबाग पहुंचते हैं। रेलवे स्टेशन जाने के लिये भी यही रूट है। लेकिन सड़क पर बड़े – बड़े गड्ढे और उसमें पानी यह सड़क नहीं कोई नदी होने का भ्रम दे रहा है।
दोपहिया से गुजरे तो गिरने का ख़तरा और वाहन से गुजरते हैं तो शरीर टेढ़ी हो जायेगी। लेकिन नगर निगम के अधिकारी ही नहीं प्रमंडलीय मुख्यालय के अधिकारी भी हर दिन इस मार्ग से गुजरने के बाद भी आखें मूंदे हैं।
शायद हास्पिटल जाने का रास्ता भी यही है