राजू यादव
टाटीझरिया (आवाज)। विद्यालयों के बंद रहने से बच्चों का ध्यान पढ़ाई से हटकर खेल में ज्यादा हो गया है। वे कुसंगति में भी पड़ जा रहें हैं, जिसमें ताश और जुआ तक खेलने लगे हैं।
विदित हो कि कोरोना महामारी के चलते ये विद्यालय बंद हैं । लगातार सात माह से विद्यालयों के बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों के तमाम बच्चे जहां अपने घर के कामों में जहां हाथ बंटा रहें हैं, वहीं अन्य तमाम बच्चे इस तरह की कुसंगति में पड़ जा रहें हैं।
ऐसा ही एक दृश्य गुरूवार को ग्राम झरपो के बुध बाजार परिसर में दिखाई पड़ा, जहां कई बच्चे बैठकर ताश और जुआ खेल रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार कुछ बच्चे बंद विद्यालय में बैठकर बेहिचक जुआ और ताश खेलते रहते हैं। इन बच्चों को देखने और टोकने वाला भी कोई नहीं दिखाई पड़ा और बच्चे इतने निडर थे कि कैमरे को देखकर ये ताश की पत्ती दिखाने लग गये।
ऐसे में विद्यालयों के बंद रहने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। दुख का विषय यह है कि जहां छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने-लिखने की उम्र में ताश के 52 पते खेल रहे है। जहां से बच्चों का भविष्य उज्जवल होता है आजकल कुछ बच्चे वहीं बैठकर अपना जीवन अंधकारमय कर रहे हैं।