कोरोना संक्रमण से मौत के बाद जिला प्रशासन ने दफना दी थी लाश
रामगढ़ | सात दिन पहले कोरोना संक्रमण से सीताराम मिश्रा की मौत के परिवारवालों की सहमति से भले मृतक का शव को दस फीट गहरे गड्ढे में दफना दिया गया पर इसे लेकर समाज में असंतोष और विवाद के बाद अंतिम संस्कार दूसरी राह चुन ली गयी, जिसमें मृतक का पुतला बनाकर सारी रस्म अदायगी की गयी ।
लाश को दफनाये जाने के बाद से धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कराये जाने को लेकर आवाज जोर पकड़ रही थी ।
ऐसे में दफनाए गए उस शव को निकाल पाना नामुमकिन था, सो परिजनों की सलाह से इसके लिये शास्त्रों के अनुसार एक वैकल्पिक व्यवस्था तय की गई।
जिसमें सीताराम मिश्रा का पहले पुतला बनाया गया और फिर जिस स्थान पर उन्हें दफनाया गया था, उसी स्थान पर उनके पुतले का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान इफिको ग्राउंड को पूरी तरीके से सील रखा गया था। ताकि कोई भी आम नागरिक वहां नहीं पहुंच सके। यहां तक कि जो लोग अंतिम संस्कार में शामिल हुए थे, उन्हें भी पीपीई किट पहनाया गया था। ताकि वे कोरोना के संक्रमण से दूर रह सके ।
मृतक के पुत्र अरविंद मिश्रा ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर मृतक के नाती अभिषेक मिश्रा और बबलू शर्मा समेत अन्य परिजन मौजूद थे। मौके पर एसडीपीओ अनुज उरांव और रामगढ़ थाना प्रभारी विद्याशंकर स्थल से थोड़ी दूर सुरक्षा व्यवस्था में लगे थे ।