लंदन, प्रेट्र। कोरोना वायरस की अभी कोई वैक्सीन विकसित नहीं हुई है। लेकिन संपन्न देश पहले ही वैक्सीन विकसित कर रही कंपनियों के साथ उसकी खरीद के लिए सौदा करना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन ने भी कोरोना वायरस के संभावित वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के लिए तीन कंपनियों के साथ करार दिया है। ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री आलोक शर्मा ने सोमवार को इसकी घोषणा की।
भारतीय मूल के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री शर्मा ने कहा कि सरकार ने बायोएनटेक, फाइजर और वलनेवा नामक कंपनियों द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के लिए परीक्षण के दौर से गुजर रही वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। शर्मा ने कहा कि वैक्सीन की खोज अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य है और सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि ब्रिटेन के लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित और असरदार वैक्सीन दी जा सके। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे अच्छी दवा और वैक्सीन कंपनियों के साथ साझेदारी करके सरकार के पास ऐसी वैक्सीन हासिल करने के ज्यादा मौके हैं जो सबसे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे लोगों को बचा सके।
परीक्षण में लोगों से मदद की अपील
देश के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने कहा, ‘एक सुरक्षित और असरदार वैक्सीन कोरोना वायरस को हराने और सामान्य जीवन में वापस लौटने की सबसे बड़ी उम्मीद है। हमारे कुछ बेहतर विज्ञानी और अनुसंधानकर्ता वैक्सीन पर काम कर रहे हैं लेकिन जनता की भी इसमें बड़ी भूमिका है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) कोविड-19 वैक्सीन रिसर्च के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराएं, ताकि कोरोना की वैक्सीन जल्द से जल्द हासिल करने में मदद मिले।’
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका से भी टीके की 10 करोड़ खुराक हासिल करने का किया है समझौता
ब्रिटेन ने पूर्व में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षण किए जा रहे टीके की 10 करोड़ खुराक हासिल करने के लिए एस्ट्राजेनेका से समझौता किया था। सरकार ने इस दवा की खोज में मदद के लिए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ ही साथ इंपेरियल कॉलेज लंदन को करोड़ रुपये की मदद भी दी है।
इनकी वैक्सीन का जून में ही इंसानों पर परीक्षण शुरू हुआ था। पहले चरण में नतीजे कारगर मिले हैं। हालांकि, अभी तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम की घोषणा नहीं की गई है। माना जा रही है कि जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी।