हजारीबाग का पहला और झारखंड का तीसरा सेंटर बना, ठीक हुए संक्रमित अपना प्लाज्मा कर सकेंगे डोनेट
आवाज संवाददाता
हजारीबाग। कोरोना संक्रमित श्रीनिवास ब्लड बैंक में भी अब प्लाज्माएफ्रेसिस की सुविधा हो गयी है। हजारीबाग का पहला और झारखंड का तीसरा सेंटर बन गया है, खून से प्लाज्मा को अलग कर उसे सुरक्षित रखने की सुविधा के साथ प्लाज्माएफ्रेसिस की सुविधा मिलेगी। इसके लिये अब कोरोना संक्रमित मरीजों को रांची जाने की जरूरत नहीं पडेगी।
दक्ष तकनीशियन और आधुनिक मशीनों के साथ यह सुविधा हजारीबाग के डेमोटांड़ स्थित इस श्रीनिवास ब्लड बैंक में शुरू हो गयी है। वहीं इस बीमारी को हरानेवाले लोग दूसरों की जान बचाने के लिये यहां अपना प्लाजमा भी डोनेट कर सकते हैं।
श्रीनिवास संस्थान के मुताबिक प्लाज्माएफ्रेसिस के लिए आपकी उम्र 18 से 65 वर्ष के बीच की होनी चाहिए। साथ ही आप किसी भी तरह के संक्रामक रोग जैसे हृदय रोग, मधुमेह, थायरॉयड, एचसीबी जैसी बीमारी से ग्रसित न हों, आपका व़जन कम से कम 50 केजी होना चाहिए।
बताया गया कि इसके लिए संस्थान के पास एडवांस टेक्नॉलॉजी की एफ्रेसिस मशीन है, जिसमें डोनर के शरीर से खून निकाला जाता है और उसका कंपोनेंट जैसे प्लाज्मा, प्लेटलेट्स, वाइट बल्ड सेल, रेड ब्लड सेल अलग करके खून को वापस शरीर में भेज दिया जाता है। इस प्रक्रिया में सिर्फ 25 से 45 मिनट का समय लगता है।
इस संबंध में हेल्पलाइन नंबर 7280044484, 8394954318 पर संपर्क किया जा सकता है। अस्पताल के सेक्रेटरी डॉ. प्रवीण श्रीनिवास का कहना है कि इस प्रकार की सुविधा ह़जारीबाग के साथ साथ पूरे झारखंड के लिए हमारी तरफ से एक उपहार है और हम भी कोविड 19 से ल़ने के लिए हर संभव सहयोग के लिए तैयार हैं। वहीं अस्पताल के सीईओ शेखर चौधरी ने भी कहा कि प्लाज्माएफ्रेसिस की शुरुआत होना पूरे ह़जारीबाग के लिए गर्व की बात है।