2016 और 2018 में हज़ारीबाग में किये थे कार्यक्रम
आवाज टीम
हज़ारीबाग । अब कहाँ ढूढ़ने जाओगे हमारे कातिल, आप तो कत्ल का इल्जाम अब हमी पे रख दो।
नज़र तो मिला जवाब तो दे, मैं कितनी बार लुटा हूं हिसाब तो दे
शहर में तो बारूदों का मौसम है, गांव चलो वहां अमरुदो का मौसम है
गजब की प्रस्तुति, उसे पेश करने का जबरदस्त और दमदार अंदाज़, जिसने हज़ारीबाग के उन सैकड़ों दर्शकों को मुरीद बना दिया था ।
यह कला फनकार राहत इंदौरी ने अपनी प्रस्तुति की बदौलत दिखायी थी । लोगों ने देखा कि कैसै उनकी बुलंद आवाज़ और रोमांटिक शायरी श्रोताओं को बांधे रखती है ।
पहली बार 2016 को कोनार महोत्सव में और दूसरी बार 2018 में एक अखबार के कार्यक्रम में उनकी प्रस्तुति ऐसी समां बांध गयी थी, जिसने आज तक लोगों को प्रभावित कर रखा है ।
तभी उनके निधन पर कुछ खोने का दर्द का अहसास यहां के लोग भी कर रहें हैं ।
कोनार महोत्सव में तो उनका कार्यक्रम देर रात तक विभावि के विनोदिनी तरवे पार्क में खुले आसमान के नीचे चला और ठंड में भी उनकी शायरी ने लोगों को इस प्रोग्राम में अंत तक बैठने को मजबूर कर दिया था।