– जंगल पहाड़ का नष्ट हो जाने व प्रदूषण के खिलाफ फूंका बिगुल
– पांच तलाब, तीन नदियों एवं हजारों व्यवसायिक पेड़ का अस्तित्व खत्म करने का आरोप
आनंद राज
बड़कागांव। एकबार फिर सुलग रहा है बड़कागांव । जहां 10 सूत्री मांग को लेकर रैयत अनिश्चितकालीन धरना पर बैठें हैं । जंगल पहाड़ का नष्ट हो जाने व प्रदूषण के खिलाफ उन्होंने यह फूंका बिगुल फूंका है । उनका आरोप है कि पांच तलाब, तीन नदियों एवं हजारों व्यवसायिक पेड़ का अस्तित्व कंपनी राज में खत्म हो गए । प्रखंड के सिन्दूवारी स्थित निमियाटांड़ के पास बैठे ये ग्रामीण एवं रैयत एनटीपीसी के त्रिवेणी सैनिक लिमिटेड द्वारा संचालित कोयला खदान चिरुडीह बरवाडीह के प्रभावित व विस्थापित हैं और सिन्दूवारी के रहने वाले हैं। इस आंदोलन को आजसू पार्टी ने भी अपना समर्थन दिया है, जिसमें से मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय सदस्य संदीप कुशवाहा, प्रखंड कार्यकारी अध्यक्ष चंदन सिंह, प्रखंड सचिव कामेश्वर महतो, प्रखंड प्रवक्ता तपेश्वर कुमार तापस ,समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए । रैयतों ने बताया कि चिरुडीह कोयला खदान खुल जाने से सिन्दूवारी गांव के 200 एकड़ जमीन अधिग्रहण हुआ है । जिसमें से उपजाऊ भूमि के साथ-साथ ,महुआ पेड़ 3000 ,बेर का पेड़ 5,000 आम का पेड़ ,150 इमली का पेड़,50 , जामुन का पेड़ 25, खैर का पेड़ 10,000 से अधिक, तार का पेड़ 150 खजूर का पेड़ 60 नष्ट हो गया। जिससे आर्थिक स्तर पर बुरा असर पड़ा। वहीं खदान खुल जाने से उरूब का बड़ा डैम, निमिया डैम ,जुगना बांध, खरवा डैम ,सिमरा डैम, इसके अलावे सीन नदी जिसमें से खावा नदी, गैलरी ,नदी बरका नदी, विलुप्त हो गया,सिमरा नदी का कुछ अवशेष बचा हुआ है। आंदोलन में बैठे लीग अपने लिये नौकरी, क्षतिपूर्ति, गैरमजरूआ से लेकर हर प्रकार की जमीन पर उचित मुआवजा, शिक्षा के लिये स्कूल, मेडिकल सुविद्जा के लिये अस्पताल आदि की मांग कंपनी से कर रहें हैं ।