शव के पास कागज का एक टुकड़े में हत्यारों ने लिखा- डॉन सुशील श्रीवास्तव की हत्या में शामिल सभी लोगों के साथ एक न एक दिन होगा यही अंजाम
आवाज टीम
गया(बिहार )। जिले के बेलागंज थाना अंतर्गत पटना-गया राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे सोमवार को एक व्यक्ति का सिर कटा शव पुलिस ने बरामद किया है।
बेलागंज थाना के प्रभारी अविनाश कुमार के अनुसार मृतक की पहचान नहीं हो पायी है। लेकिन शव के पास मिले कागज के एक टुकड़े ने ह्त्या के इस मामले को हजारीबाग में गैंगेस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या से जोड़ दिया है।
शव फतेहपुर ट्यूबवेल के पास दो दिन पहले फेंक दिये जाने का अनुमान है। मृतक के पैर और हाथ रस्सी से बंधे थे। मृतक के पास से जो कागज का एक टुकड़ा हत्यारों ने छोड़ा, उसमें लिखा है कि डॉन सुशील श्रीवास्तव की हत्या में शामिल सभी लोगों का एक न एक दिन यही अंजाम होगा।
अब मामले की गंभीरता देखते हुए मृतक के कनेक्शन की पड़ताल शुरू कर दी गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भेज दिया है। पुलिस सूत्रों ने कहा कि, झारखंड के भुरकुंडा में भोला पांडेय और सुशील श्रीवास्तव के गिरोह के बीच चल रहे टकराव के कारण, शायद यह हत्या की गयी है।
गौरतलब है कि श्रीवास्तव गिरोह का सरगना सुशील श्रीवास्तव को 2 जून 2015 को दस बजे दिन हजारीबाग कोर्ट परिसर में एके 47 से गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसमें सुशील के दो बॉडी गार्ड भी मारे गए थे। इस कांड में प्रतिद्वंदी पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी व उसके गुर्गों के विरुद्ध सदर थाना में कांड दर्ज किया गया था।
जिसमें मुख्य सरगना विकास तिवारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। लंबे समय तक जेपी कारा में रहने के बाद प्रशासनिक दृष्टिकोण से उसे पलामू जेल शिफ्ट करा दिया गया है।
उस कांड में विकास तिवारी ग्रुप के चार ऐसे अपराधी शामिल थे जो आज तक पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। इनमें जयनगर पतरातू निवासी दीपक धोबी, डब्लू ठाकुर, पतरातू स्टीम कालोनी निवासी सुमन सिंह और संजीत नियोगी हैं।
इसी रंजिश में जून 2017 को सरदार रोड में लखन साव के स्कार्पियो पर एके 47 से गोलियां बरसाई गई थीं, जिसमें लखन साव को लंबे समय तक दिल्ली में इलाज होने के बाद उसे बचाया जा सका। इस घटना में उसके चालक को भी गोली लगी थी।