राजू यादव / आवाज प्रतिनिधि
टाटीझरिया। प्रखंड के खैरा पंचायत अंतर्गत पूतो जंगल से एक आदिवासी महिला का शव बरामद हुआ है। महिला की पहचान मोसेमात मैयकी पति स्व पेड़ा मांझी (उम्र 65 वर्षीय) के रूप में हुई है। महिला सिमराढाब आदिवासी टोला की रहनेवाली है।
हत्या की खबर से क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त है। कोई कुछ बता नहीं पा रहा कि आखिर इस वृद्धा महिला की हत्या किसी ने क्यों की होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व की भांति वह महिला शुक्रवार को अपनी बकरियों को लगभग एक बजे दोपहर बाद चराने जंगल की ओर ले गई। देर शाम तक जब वह और बकरियां घर नहीं पहुंचीं तब गांव के कुछ लोगों को लेकर उसके घर वाले उसे ढूंढने निकले।
जंगल मे कुछ ही दूरी पर उनकी बकरियां चारा खा रही थी, पर महिला कहीं नहीं दिखीं। जंगल मे रात के अंधेरे में लगभग 2 किलोमीटर दूरी पर नदी के पार करने पर उन्हें लगभग 12 बजे रात को महिला की लाश झाड़ी में पड़ी मिली।
मृत महिला का पोता सुरेंद्र मुर्मू ने बताया कि दादी के गले मे उसकी साड़ी का फंदा बनाकर दबाया गया था। साड़ी के फंदे में एक लकड़ी भी फंसाया हुआ था। उसकी दाईं हाथ मचोड़ा गया था, जिससे उसकी हाथ टूट गई थी। चेहरे, पेट व पीठ पर जख्म साफ दिखाई पड़ रहा था, जिससे हत्या से इनकार नहीं किया जा सकता है।
लाश को कड़ी मशक्कत से ग्रामीणों ने खाट पर लादकर गांव लाये। इसकी हत्या किसने किया इस मामले में कोई कुछ बताने को तैयार नहीं थे। इन्होंने घटना की जानकारी इचाक थाने को दी, पर गांव अथवा घटनास्थल तक पुलिस के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में रोष है।
थाना द्वारा सुबह में तीन चौकीदार को सिमराढाब भेजा गया। जिनमें तैयब मियां, प्रेम पासवान, धनी सिंह शामिल थे। उन्होंने ही लाश को उसके घर से थाना लेते गए।जहां से आगे की प्रक्रिया चल रही थी।
बताते चलें कि इसी महिला के पति पेड़ा मांझी को 22 दिसम्बर 1999 को झरपो बुध बाज़ार में सरेआम उग्रवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पेडा मांझी के साथ अन्य छह लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
उसी समय से सिमराढाब में कुछ वर्षों तक पुलिस पिकेट भी चला था। सिमराढाब के ग्रामीण सुरेंद्र मुर्मू, छोटीलाल मुर्मू, सुरेश मुर्मू, संजय मुर्मू, सिकंदर बेसरा, रीतलाल मुर्मू, महेश हांसदा, शिबू हांसदा व अन्य ने प्रशासन से मामले की जांचकर कार्यवाई करने की मांग की है।