राशन प्राप्त कर खुशी- खुशी इस पुल पर से होकर लौटते ग्रामीण
गणेश मेहता
इचाक। प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच बसे बभनी- बांका के लोग वर्षों से सोती नदी पर एक छोटे पूल की मांग कर रहे थे । इस बार लॉकडाउन में करते हैं। मानव विकास संस्था की पहल पर और गूंज संस्था के प्रोत्साहन से खुद बना लिया लकड़ी और बांस का पुल । आज यह पूल बन पाया तो ग्रामीण मानव विकास के बिरबल प्रसाद और गूंज के सुरेश कुमार और अजीत कुमार का आभार मान रहे हैं । पूल बनने के बाद संस्था द्वारा बांटी गई राहत सामग्री इसी पूल के सहारे महिलायें खुशी- खुशी लेकर निकली । इचाक और बरकट्ठा प्रखंड के सीमा पर बसा है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के करीब 80 घर है। यहां के लोग कृषि के अलावा आस पास के इलाकों में जाकर मजदूरी कर अपना जीवनयापन करते हैं।